महागाई भत्ता Information about Dearness Allowance
महागाई भत्ता (Dearness allowance) हा केंद्र सरकार ऑल इंडिया कंझ्युमर प्राईस इंडेक्स नुसार देत असते. DA चे कॅलक्युलेशन हे ऑल इंडिया कंझ्युमर प्राईस इंडेक्सशी जोडलेले असते. याठिकाणी वापरलेल्या फॉर्म्युलामध्ये AICPI ची सरासरी घेतली जाते.
केंद्र शासनाने दिल्यानंतर राज्य शासन त्यानंतर Dearness allowance चा शासन निर्णय काढते. महागाई भत्ता हा बेसिक पे च्या आधारावर टक्क्यांमध्ये गणला जातो.
राज्य शासकीय कर्मचाऱ्यांना १ जानेवारी 2016 पासून 7 वा वेतन आयोग लागू करण्यात आला असून ,Dearness allowance दराच्या प्रमाणात देखील बदल करण्यात आले आहेत. 2016 पासून ते आजपर्यंतचे महागाई भत्ता दर खालीलप्रमाणे आहेत.
७ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
७ वा वेतन आयोग थोडक्यात
सरकारी कर्मचाऱ्यांसाठी सातवा वेतन आयोग चांगलाच गाजला आहे. सर्व पदनामाची वेतन पातळी वाढवण्यात आली आहे, तसेच फिटमेंट फॅक्टर 2.57 ते 2.67 पर्यंत वाढवला आहे. 7 वेतन आयोगाचे नवीनतम अपडेट खाली पहा सरकारी कर्मचार्यांसाठी पेमेंट सरकारी कर्मचार्यासाठी एंट्री लेव्हलवरील किमान पेमेंट रु. वरून वाढले आहे.
७ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता १
अ.न. | लागू दिनांक | महागाई भत्ता दर | शासन निर्णय दिनांक |
---|---|---|---|
१ | १ जानेवारी २०१६ | ०.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
२ | १ जुलै २०१६ | २.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
३ | १ जानेवारी २०१७ | ४.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
४ | १ जुलै २०१७ | ५.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
५ | १ जानेवारी २०१८ | ७.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
६ | १ जुलै २०१८ | ९.००% | १ फेब्रुवारी २०१९ |
७ | १ जानेवारी २०१९ | १२.००% | ८ जुलै २०१९ |
८ | १ जुलै २०१९ | १७.००% | ४ जानेवारी २०२० |
९ | १ जुलै २०२१ | ३१.००% | ३० मार्च २०२२ |
१० | १ जानेवारी २०२२ | ३४.००% | १७ ऑगस्ट २०२२ |
११ | १ जुलै २०२२ | ३८.००% | १० जानेवारी २०२३ |
१२ | १ जानेवारी २०२३ | ४२.००% | ३० जून २०२३ |
१३ | ०१ जुलै २०२३ | ४६.०० % | २३ नोव्हेंबर २०२३ |
दिनांक ०१-०१-२०१६ पासून सातव्या वेतन आयोगाच्या शिफारशीनुसार शासन अधिसूचना दिनांक ३०-०१-२०१९ व शासन परिपत्रक क्र. वेपूर २०१९/प्र.क्र.१५/सेवा-९, दिनांक १४-०५-२०१९ नुसार सातवा वेतन आयोग शासकीय अधिकारी तसेच कर्मचारी यांना लागू करण्यात आला आहे. ज्या शासकीय अधिकारी तसेच कर्मचाऱ्यांची दिनांक ०१-०१-२०१६ किंवा त्या नंतर पदोन्नती किंवा नियुक्ती अथवा श्रेणीवाढ झाली नसेल त्यांच्या ०१ जुलैच्या वेतनवाढीच्या दिनांकामध्ये बदल होणार नाही. अशा प्रकरणी १ जानेवारी हा वेतनवाढीचा दिनांक घेता येणार नाही. एक वर्षाच्या कालावधी मध्ये मात्र एकच वेतनवाढ अनुज्ञेय असेल.
दिनांक ०१-०१-२०१६ नंतर नियुक्त झालेल्या कर्मचाऱ्यास विकल्पाच्या आधारे वेतननिश्चिती करता येणार नाही. निलंबित कर्मचारी, असाधारण रजेवरील कर्मचारी यांना कामावर रुजू झाल्याच्या दिनांकापासून सदर तरतूदी लागू राहतील. दिनांक ०१-०१-२०१६ ते ३१-१२-२०१८ या कालावधीत जर कर्मचाऱ्याचा मृत्यू झाला असेल तर त्या प्रकरणी कार्यालय प्रमुखाने मृत कर्मचाऱ्यास जे फायद्याचे ठरेल त्यानुसार वेतन निश्चिती करावी.
७ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता २
अ क्र | पासून | पर्यंत | दर |
---|---|---|---|
1 | जानेवारी 2016 | जुन 2016 | 0% |
2 | जुलै 2016 | डिसेंबर 2016 | 2% |
3 | जानेवारी 2017 | जुन 2017 | 4% |
4 | जुलै 2017 | डिसेंबर 2017 | 5% |
5 | जानेवारी 2018 | जुन 2018 | 7% |
6 | जुलै 2018 | डिसेंबर 2018 | 9% |
7 | जानेवारी 2019 | जुन 2019 | 12% |
8 | जुलै 2019 | जुन 2021 | 17% |
9 | जुलै 2021 | फेब्रुवारी 2021 | 28% |
10 | जुलै 2021 | डिसेंबर 2021 | 31% |
11 | जानेवारी 2022 | जुन 2022 | 34% |
12 | जुलै 2022 | डिसेंबर 2022 | 38% |
13 | जानेवारी 2023 | 42% |
६ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
६ वा वेतन आयोग थोडक्यात
२००८ मध्ये हकीम समिती स्थापन करण्यात आली होती. शासन निर्णय दि.२७-०२-२००९ नुसार राज्य वेतन सुधारणा समितीच्या शिफारशी स्विकृत करण्यात आल्या आहे. शासन अधिसूचना दि.२२-०४-२००९ च्या अधिसूचना नुसार दिनांक ०१-०१-२००६ पासून साहवा वेतन आयोग लागू करण्यात आला आहे. शासन परिपत्रक दि.२९-०४-२००९ नुसार वेतन नियम-२००९ नुसार वेतन निश्चितीबददल सूचना देण्यात आल्या आहे.
६ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
राज्य शासकीय कर्मचाऱ्यांना १ जानेवारी २००६ पासून ६ वा वेतन आयोग लागू करण्यात आला असून, २००६ पासून महागाई भत्ता दर खालीलप्रमाणे आहेत .
अ क्र | पासून | पर्यंत | दर |
---|---|---|---|
1 | जानेवारी 2006 | जुन 2006 | 0% |
2 | जुलै 2006 | डिसेंबर 2006 | 2% |
3 | जानेवारी 2007 | जुन 2007 | 6% |
4 | जुलै 2007 | डिसेंबर 2007 | 9% |
5 | जानेवारी 2008 | जुन 2008 | 12% |
6 | जुलै 2008 | डिसेंबर 2008 | 16% |
7 | जानेवारी 2009 | जुन 2009 | 22% |
8 | जुलै 2009 | मे 2010 | 27% |
9 | जुन 2010 | ऑक्टोबर 2010 | 35% |
10 | नोव्हेंबर 2010 | एप्रिल 2011 | 45% |
11 | मे 2011 | सप्टेंबर 2011 | 51% |
12 | ऑक्टोबर 2011 | डिसेंबर 2011 | 58% |
13 | जानेवारी 2012 | जुन 2012 | 65% |
14 | जुलै 2012 | डिसेंबर 2012 | 72% |
15 | जानेवारी 2013 | जुन 2013 | 80% |
16 | जुलै 2013 | डिसेंबर 2013 | 90% |
17 | जानेवारी 2014 | जुन 2014 | 100% |
18 | जुलै 2014 | डिसेंबर 2014 | 107% |
19 | जानेवारी 2015 | जुन 2015 | 113% |
20 | जुलै 2015 | डिसेंबर 2015 | 119% |
21 | जानेवारी 2016 | जुन 2016 | 125% |
22 | जुलै 2016 | डिसेंबर 2016 | 132% |
23 | जानेवारी 2017 | जुन 2017 | 136% |
24 | जुलै 2017 | डिसेंबर 2017 | 139% |
25 | जानेवारी 2018 | डिसेंबर 2018 | 142% |
५ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
५ वा वेतन आयोग थोडक्यात
पाचव्या वेतन आयोगाच्या स्थापनेची अधिसूचना 9 एप्रिल 1994 रोजी जारी करण्यात आली होती, परंतु ती 2 मे 1994 रोजी कार्यरत झाली. या वेतन आयोगाचे अध्यक्ष न्यायमूर्ती एस. रत्नवेल पांडियन आणि सदस्य सुरेश तेंडुलकर (दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्सचे प्राध्यापक) आहेत. ) आणि एम. ऑफ. काओ (IAS) च्या शिफारशींची अंमलबजावणी करण्यासाठी सरकारला 17,000 कोटी रुपये खर्च झाले होते. कर्मचाऱ्यांच्या पगारात 31% वाढ सुचवली होती. 1996-97 मध्ये केंद्र सरकारच्या कर्मचाऱ्यांच्या पगारावर एकूण 218.85 अब्ज रुपये खर्च करण्यात आले होते. पाचव्या वेतन आयोगाच्या शिफारशी लागू केल्यानंतर हा खर्च 99% ने वाढून ₹43,568 कोटी झाला.
सरकारने कर्मचार्यांची संख्या सुमारे 30% कमी करावी अशी एक शिफारस होती; आणि सुमारे 3,50,000 रिक्त पदांवर भरती करू नका. मात्र, यापैकी एकाही शिफारशीची अंमलबजावणी झाली नाही. या आयोगाच्या शिफारशींचा जागतिक बँकेनेही निषेध केला.
५ वा वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
राज्य शासकीय कर्मचाऱ्यांना १९९६ पासून ५ वा वेतन आयोग लागू करण्यात आला असून, १९९६ पासून महागाई भत्ता दर खालीलप्रमाणे आहेत .
अ क्र | पासून | पर्यंत | दर |
---|---|---|---|
1 | जानेवारी 1996 | जुन 1996 | 0% |
2 | जुलै 1996 | डिसेंबर 1996 | 4% |
3 | जानेवारी 1997 | जुन 1997 | 8% |
4 | जुलै 1997 | डिसेंबर 1997 | 13% |
5 | जानेवारी 1998 | जुन 1998 | 16% |
6 | जुलै 1998 | डिसेंबर 1998 | 22% |
7 | जानेवारी 1999 | जुन 1999 | 32% |
8 | जुलै 1999 | डिसेंबर 1999 | 37% |
9 | जानेवारी 2000 | सप्टेंबर 2001 | 38% |
10 | ऑक्टोबर 2001 | डिसेंबर 2001 | 41.50% |
11 | जानेवारी 2002 | मार्च 2002 | 43.50% |
12 | एप्रिल 2002 | जुन 2002 | 46.25% |
13 | जुलै 2002 | डिसेंबर 2002 | 48.50% |
14 | जानेवारी 2003 | मार्च 2003 | 50.75% |
15 | एप्रिल 2003 | मे 2004 | 55% |
16 | जुन 2004 | जुलै 2004 | 61% |
17 | बेसीक + डि.पी. 0.5 | ||
18 | ऑगस्ट 2004 | मार्च 2005 | 11% |
19 | एप्रिल 2005 | जुन 2005 | 14% |
20 | जुलै 2005 | ऑक्टोबर 2005 | 17% |
21 | नोव्हेंबर 2005 | एप्रिल 2006 | 21% |
22 | मे 2006 | ऑगस्ट 2006 | 24% |
23 | सप्टेंबर 2006 | मार्च 2007 | 29% |
24 | एप्रिल 2007 | जुन 2007 | 35% |
25 | जुलै 2007 | डिसेंबर 2007 | 41% |
26 | जानेवारी 2008 | जुन 2008 | 47% |
27 | जुलै 2008 | डिसेंबर 2008 | 54% |
28 | जानेवारी 2009 | जुन 2009 | 64% |
29 | जुलै 2009 | 73% |
४ था वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
४ था वेतन आयोग थोडक्यात
चौथ्या वेतन आयोगाची स्थापना जून 1983 मध्ये झाली, ज्याने 4 वर्षांनंतर 18.3.1987 रोजी आपला अहवाल सादर केला. या वेतन आयोगाचे अध्यक्ष पी एन सिंघल होते. त्यांच्या शिफारशींचे पालन केल्यामुळे सरकारवर एकूण 1282 कोटी रुपयांचा आर्थिक बोजा पडला. या आयोगाच्या शिफारशींवर आधारित ‘रँक पे’ ही संकल्पना देशात प्रथमच सशस्त्र दलातील अधिकाऱ्यांसाठी लागू करण्यात आली होती. मात्र, तो (‘रँक पे’) नंतर सर्वोच्च न्यायालयाने बेकायदेशीर घोषित केला होता.
राज्य शासकीय कर्मचाऱ्यांना १९८६ पासून ४ था वेतन आयोग लागू करण्यात आला असून, १९८६ पासून महागाई भत्ता दर खालीलप्रमाणे आहेत .
४ था वेतन आयोग महागाई भत्ता तक्ता
अ क्र | पासून | पर्यंत | दर |
---|---|---|---|
1 | जानेवारी 1986 | डिसेंबर 1986 | 4% |
2 | जानेवारी 1987 | जुन 1987 | 8% |
3 | जुलै 1987 | डिसेंबर 1987 | 13% |
4 | जानेवारी 1988 | जुन 1988 | 18% |
5 | जुलै 1988 | डिसेंबर 1988 | 23% |
6 | जानेवारी 1989 | जुन 1989 | 29% |
7 | जुलै 1989 | डिसेंबर 1989 | 34% |
8 | जानेवारी 1990 | जुन 1990 | 38% |
9 | जुलै 1990 | डिसेंबर 1990 | 43% |
10 | जानेवारी 1991 | जुन 1991 | 51% |
11 | जुलै 1991 | डिसेंबर 1991 | 60% |
12 | जानेवारी 1992 | जुन 1992 | 70% |
13 | जुलै 1992 | डिसेंबर 1992 | 83% |
14 | जानेवारी 1993 | जुन 1993 | 92% |
15 | जुलै 1993 | डिसेंबर 1993 | 97% |
16 | जानेवारी 1994 | जुन 1994 | 104% |
17 | जुलै 1994 | डिसेंबर 1994 | 114% |
18 | जानेवारी 1995 | जुन 1995 | 125% |
19 | जुलै 1995 | डिसेंबर 1995 | 136% |
20 | जानेवारी 1996 | जुन 1996 | 148% |
21 | जुलै 1996 | डिसेंबर 1996 | 153% |
22 | जानेवारी 1997 | जुन 1997 | 170% |
23 | जुलै 1997 | डिसेंबर 1997 | 182% |
24 | जानेवारी 1998 | जुन 1998 | 190% |
25 | जुलै 1998 | डिसेंबर 1998 | 203% |
26 | जानेवारी 1999 | 228% |